अंग-अंग आज झूमे,
हैये हैया रूमझुमे,
रंगभर्या उत्सव सजावे,
पळ-पळ आ प्रीतघेली,
घडी छे आ अलबेली,
प्रेमे अंतरिक्षजी वधावे,
आवो आवो आवो
आवो आज अंतरिक्षजी…
प्रेमे पूजा करवा पधारो अंतरिक्षजी…(1)
साथ…तमारो साथ,
पूरव पुण्ये मळयो छे तमारो साथ,
नाथ… वरसावो नाथ,
करुणा दृष्ठि वरसावोने मारा नाथ,
भीना-भीना हैया थाशे,
तारा बले तरी जाशे,
भकितना रंगो जमावे,
पल-पल आप्रीत घेली,
घडी छे आ अलबेली,
प्रेमे पार्श्वनाथने वधावे,
आवो आवो आवो
आवो आज अंतरिक्षजी…
प्रेमे पूजा करवा पधारो अंतरिक्षजी…(2)
नाथ… ओ पार्श्वनाथ,
स्नेहनी गांठो बंधाई छे तारी साथ,
नाम… तमारूं नाम,
भवजल तरवा जहाज छे तमारूं नाम,
अंतरिक्ष गुण गावुं,
पार्श्वनाथने वधावुं,
सतरंगी सृष्टी सजावे,
पळ-पळ आप्रीत घेली,
घडी छे आ अलबेली,
प्रेमे पार्श्वनाथने वधावे,
आवो आवो आवो
आवो आज अंतरिक्षजी…
प्रेमे पूजा करवा पधारो अंतरिक्षजी…(3)
अंतरिक्ष पार्श्वनाथनी जय हो…