आतमनी बस एके झंखना, वीरना पंथे जावुं,
वीरना पंथे, जाता मारे, वीरना वारस थावुं,
वीरना वारस थावा काजे, संयम वेशने धारूं,
करीश संयमनो जयकार.. करीश संयमनो जयकार..
करीश विरतीनो शंखनाद.. करीश संयमनो जयकार…(૧)
संयम जीवन, सुखनी चावी, सुख मळे संयममां,
वर्तमान छे, योग श्रमणनो, रहेता निज आनंदमां,
शांति शमणुं, आ जीवननुं, शांति मळे संयममां,
ध्यान प्रभुनं, ध्येय प्रभुने, आतममां अवधारूं,
करीश संयमनो जयकार…(૨)
गुण अर्हम् ना, लक्ष्य सिद्धने, आणा आचारजनी,
रमे सज्झाये, उवज्झाया, लगनी श्रामण्यम् नी,
दर्शन पामी, ज्ञान क्रियाथी, रमनुं चारित्रमां,
तप अनुपम आ संसारे, नवपदमां स्थिर थाशे,
करीश संयमनो जयकार…(3)
शांतिनुं शमणुं छे, विरतीनी वाठ…
शांतिनुं शमणुं छे, विरतीनो राग…
शांतिनुं शमणुं छे, संयमनो साद…
शांतिनुं शमणुं छे….(૪)