Bhakto Chalo Re Chalo Re (Hindi)

Bhakto Chalo Re Chalo Re (Hindi)

भक्तो चालो रे चालो रे संघ यात्रा में….

गुरु जयन्त जस यात्रा में…(१)

 

जन्मभूमि है कुंदनसी,

 स्वर्गभूमि है चंदनसी, 

सोने में सुगंध है बिखरी, 

छ’रि यात्रा में… 

भक्तो चालो रे चालो रे संघ यात्रा में….

गुरु जयन्त जस यात्रा में…(२)

 

पेपराल से भांडवपुर,

 छ’रि पालित संघ है, 

त्रिस्तुतिक परंपरा में, 

आनंद है उमंग है, 

बना गए गुरु एक पगडंडी, 

अपनी विहार यात्रा में, 

गुरु भक्ति का झंडा लेलो, 

जयंत जस यात्रा में,

जन्मभूमि है…(३)

 

उग्र विहार किया गुरुने, 

जब हमने पुकारा,

 उपकारी का ऋण चुकाने,

 ये अवसर है न्यारा, 

साथ चलेंगे उंगली पकडके,

 इस भवकि महायात्रा में, 

सारथी है प्रदीप के गुरु, 

मोक्ष की यात्रा में, 

जन्मभूमि है…(४)

Related Articles