भवि भावे देरासर आवो, जिणंदवर जय बोलो
पछी पूजन करी शुभ भावे, हृदयपट खोलो ने. १
शिवपुर जिनथी मांगजो, मांगी भवनो अंत,
लाख चोरासी वारवा, क्यारे थईशुं अमे प्रभु संत,
भवि अेम बोलो ने. भवि भावे०२
मोंधी मानव जिंदगी, ने मोंघो प्रभुनो जाप,
जपी चित्तथी दूर करो, तमे कोटी जनमना पाप,
हृदयपट खोलो ने. भवि भावे०३
तुं छे माहरो साहिबो, ने हुं छुं तारो दास,
दीनानाथ मुज पापीने, प्रभु आपोने शिवपुर वास,
हृदयपट खोलो ने. भवि भावे०४
छाणी गामनो राजीओ, नामे शांति जिणंद,
आत्म कमलमां ध्यावता, शुद्ध मले लब्धिनो वृंद,
भवि अेम बोलो ने. भवि भावे०५