दादा ना देरासर पर उडे रे धजा.. (२ वार)
उडे रे धजा… उडे रे धजा, एने जोवानी मजा..
फरके छे धजा, एने जोवानी मजा..
दादा ना.. दादा ना देरासर पर उडे रे धजा..
लहराती-लहराती कहेती, आवो भक्तो आम,
अहींया बेठा जगना ठाकुर, करता काम तमाम,
आवे छे अहींया तेनी.. (२ वार) तूटे छे सजा.. उडे रे धजा.. (१)
श्वेत-लाल छे एमां रंगो, अरिहंत-सिद्ध ने नाम,
चडती धजा जोवा माटे, उमटे आखु गाम,
जुवो जो धजा तो.. (२ वार) संसारथी रजा.. उडे रे धजा.. (२)
नित-नवा रूपे ने रंगे, लागे खूब प्यारा,
मोह उपर पाम्या छे विजय, आ दादा मारा,
नीरखी-नीरखी अमने जुवे.. (२ वार)
हरखाती प्रजा.. उडे रे धजा.. (३)