दीक्षा लेवाना मारा भाव (Hindi Lyrics) जैन दिक्षा गीत
दीक्षा लेवाना मारा भाव हवे पूरा थवाना छे-2
वर्षो थी सेवेला सपना हवे साकार थवाना छे
अन्ते तो छूटवानु छे , पेहले थी छोडवू सारू,
अन्ते तो छूटवानु छे , समजीने छोडवू सारू,
छोडीने राग द्वेष विषय कषायों जितवाना छे
अहिंसा संयम तप ना बळ देवोने झुकावे छे-2
स्वयं तिर्थंकर पण संयम ना रंगे रंगाया छे
ज्यारे राजोहरण मलशे , जन्म मरण बधा टळशे-2
अगन प्रगटावी तप जप नी कर्मो ने बाळवाना छे
मृगावतीजी चंदनाजी ब्राहमी सुंदरी ग्रयू संयम-2
आवा त्यागी ना गुणगान सहु मुखे गवाया छे
आवा वैरागी ना वक्तव्य जीवन ग्रन्थे लखाणा छे
थराद गाम सजाव्या छे , रूडा मंडप सजाव्या छे
गीत मंगल सहु गाता बार तोरण बंधाना छे
अदाणी कुंवरजी दिव्यराज अनोखो पूण्य कमाणा छे
गुरुवर जयंतसेन सूरी , आत्मोद्धार मुझ करशे,
गुरु चरणने पकडने शिवपुर मा जवाना छे
गुरु भक्ति मा निपुण बनी अमे शिवपुर मा जवाना छ