एक दिन एवो आवशे….
महावीरना शब्दो वडे स्वतंत्र जगमां थावशे,
एक दिन एवो आवशे…(१)
सहु देशमां स्वातंत्र्यना, शुभ दिव्य वाद्यो वागशे,
बहु ज्ञान वीरो कर्म वीरो, जागी अन्य जगावशे,
एक दिन एवो आवशे….(२)
अवतारी वीरो अवतरी, कर्तव्य निज बजावशे,
अश्रु लूही सहु जीवना, शांति भली प्रसरावशे,
एक दिन एवो आवशे…(३)
सहु देशमां सहु वर्णमां, ज्ञानी जनो बहु फावशे,
उद्धार करशे दुःखीनो, करूणा घणी मन लावशे,
एक दिन एवो आवशे…(४)
सायन्सनी विद्या वडे, शोधो घणी ज चलावशे,
जे गुप्त ते जाहेरमां, अद्भुत वात जणावशे,
एक दिन एवो आवशे…(५)
राजा सकलमां नव थशे, राजा न अन्य कहेवाशे,
हुन्नर कळा साम्राज्यनुं, बहु जोर लोक धरावशे,
एक दिन एवो आवशे…(६)
एक खंड बीजा खंडनी, खबरो घडीमां आवशे,
घरमां रह्या वातो थशे, पर खंड घर सम थावशे,
एक दिन एवो आवशे…(७)
एक न्याय सर्वे खंडमां, स्वातंत्रतामां थावशे,
बुद्ध-लब्धि प्रभु महावीरना, तत्वो जगतमां व्यापशे,
एक दिन एवो आवशे…(८)