Ek Vitrag | Jain Stavan | Hindi Lyrics

Ek Vitrag | Jain Stavan | Hindi Lyrics

Ek Vitrag (Hindi Lyrics) Jain Stavan

एक वीतराग-2 , आ जगत माही साचा छे

ना बीजा कोई-2 , मात्र एज तारणहारा छे

जग थी ए निराला छे

एक वीतराग….

राग ना स्पर्शे , जेने द्वेष ना स्पर्शे, ने मोह स्पर्शे नही

राग ना स्पर्शे , जेने द्वेष ना स्पर्शे, ने मोह स्पर्शे नही

एज कारण थी

एज कारण थी वीतराग ऐ कहवाया छे

एज कारण थी

एज कारण थी वीतराग ऐ कहवाया छे

जगथी ए निराला छे

एक वीतराग…

रंग ना स्पर्शे , जेने रूप ना स्पर्शे,विकारों स्पर्शे नहीं

रंग ना स्पर्शे , जेने रूप ना स्पर्शे,विकारों स्पर्शे नहीं

एज कारण थी

एज कारण थी निर्विकारी कहवाया छे

एज कारण थी

एज कारण थी निर्विकारी कहवाया छे

जगथी ए निराला छे

एक वीतराग…

त्रण काल ने जाणे,लोकालोक ने जाणे  सहु जीव ना भावने जाणे

त्रण काल ने जाणे,लोकालोक ने जाणे  सहु जीव ना भावने जाणे

एज कारणथी

एज कारणथी सर्वज्ञाय ए कहवाया छे

एज कारणथी

एज कारणथी सर्वज्ञाय ए कहवाया छे

जगथी ए निराला छे

एक वीतराग…

तीर्थ ने स्थापे, शासन रूड़ो स्थापे , वळी मोक्ष मार्ग ने स्थापे

तीर्थ ने स्थापे, शासन रूड़ो स्थापे , वळी मोक्ष मार्ग ने स्थापे

एज कारणथी

एज कारणथी तिर्थंकर ए कहवाया छे

एज कारणथी

एज कारणथी तिर्थंकर ए कहवाया छे

जगथी ए निराला छे

एक वीतराग….

देवता पूजे, देवेंद्र पण पूजे , नरेन्द्रों पूजता जेने

देवता पूजे, देवेंद्र पण पूजे , नरेन्द्रों पूजता जेने

एज कारणथी

एज कारणथी देवाधिदेव ए कहवाया छे

एज कारणथी

एज कारणथी देवाधिदेव ए कहवाया छे

जगथी ए निराला छे

एक वीतराग…

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