Ganga Kinare Shobhata (Hindi)

Ganga Kinare Shobhata (Hindi)

गंगा किनारे शोभता,

अद्भुत तीरथ बे ।

 जियागंज ने अजिमगंज,

वात सुणो कहुं ते ॥

 

आवो आजे तमने

बे-बे तीरथो बतावुं,

एनी जाहोजलालीनी

एक कथा सुणावुं… (१)

 

आजे तो ए भूमिए नवा

शणगार सज्या छे,

 छ-छ जिनमंदिरना

जीर्णोद्धार थया छे,

 तीर्थो जुहारी अढळक

पुण्य कमाववा आवोने…

अजिमगंज बोलावे छे तमे आवोने,

 भक्ति रसमां भींजावाने आवोने….

जियागंज बोलावे छे तमे आवोने,

 भक्ति रसमां भींजावाने आवोने… (२)

 

खळ-खळ वहेती गंगानदीना

से कांठे जे सोहे,

अजिगंज जियागंज तो

सहुना मनडा मोहे

    शाही राजवी परिवारोनी नगरी

         जोवा आवोने… (३)   

                                           

 ऊंची-ऊंची हवेलियों

ने रजवाड़ाओ मोठा,

 स्वर्ग समी आ देवभूमिमां

देवोय पडता भोंठा,

 बाबुओनी अद्भुत भक्तिने

माणवा आवोने… (४)

 

अमूल्य रत्नोंनी प्रतिमाओं

मंदिरमां बिराजें,

एक-एक जिन मंदिर

आपणी आंखों आंजे,

प्राचीनता – अर्वाचीनतानो

संगम जोवा आवोने… (५)

 

जीर्णोद्धारना ज्योतिर्धारी

मुक्तिप्रभसूरि राजा,

पुण्यवंत साम्राज्ये वागे

पगले-पगले वाजा,

थोडी क्षणों परमात्मा

साथे वीताववा आवोने… (६)

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