He Kalikalanee Aa Dharatee (Hindi)

He Kalikalanee Aa Dharatee (Hindi)

हे…कलिकालनी आ धरती,

ज्यां पापो थाय बहु जोर,

आवा काळमां जे समाधि अर्पे,

ए पार्श्व प्रभुने वंदु कर जोड… (१)

 

शंखेश्वरा प्रभु शंखेश्वरा…

(शंखेश्वरा) शंखेश्वरा प्रभु शंखेश्वरा,

समाधि आपे शंखेश्वरा…. (२)

 

तन-मननी शांति आपे,

दुःखो सहुना कापे,

 पार्श्व प्रभु सहुना प्यारा,

 ए छे सहुथी न्यारा,

प्रभु पार्श्व प्यारा,

 शंखेश्वरा प्रभु शंखेश्वरा…. (३)

 

यादवो केरी जरा हरनारी,

पार्श्व प्रभुनी मूर्ति अलगारी,

दौडी-दौडी सहु पूजे नरनारी,

पार्श्व प्रभुनी मूर्ति मनोहारी,

तन-मननी शांति आपे,

दुःखो सहुना कापे,

 पार्श्व प्रभु सहुना प्यारा,

ए छे सहुथी न्यारा,

प्रभु पार्श्व प्यारा,

 शंखेश्वरा प्रभु शंखेश्वरारा… (४)

 

पार्श्व प्रभुनुं नाम ज्यां आवे,

अठ्ठम करवा भावना जागे,

 तप-जप ध्याननी धारा वहावे,

आतम आ’नंदी’ मंगल पावे,

तन-मननी शांति आपे,

दुःखो सहुना कापे,

पार्श्व प्रभु सहुना प्यारा,

ए छे सहुथी न्यारा, प्रभु पार्श्व प्यारा,

शंखेश्वरा प्रभु शंखेश्वरा… (५)

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