हो परम.. हो परम…..
हर भवमां आवीने गुरु, आप मुजने तारजो,
परमात्माना बाळने, परमात्मा बनावजो,
तारा विना आ जगतमां, मारूं नथी
कोई ओ गुरु, डूबतो बचाववा बाळने,
हे गुरुवर तमे आवजजे… हो परम..
हो परम….(१)
सरवाळा सुखना आतमाए, हर भवमां कर्या,
परम सुखने पामुं, एवी पात्रता प्रगटावजो,
तारा भरोसे नाव छे, सुनू मूक्यु संसार मैं,
डूबतो बचाववा बाळने, हे गुरुवर तमे
आवज… हो परम.. हो परम….(२)
संसार सुखनी शोधमां, हर भवने विताव्यो मैं,
परम सत्यने पामवानी, झंखना जगाडजो,
भव खेद एवो मुजमां, उत्कृष्ट जागे हे गुरु,
डूबतो बचाववा बाळने, हे गुरुवर तमे
आवजो…. हो परम.. हो परम….(३)
मने पापना पंथे जतां, गुरुदेव पाछो वाळजो,
पापभीरुता एवी गुरु, भुजमां तमे
जन्भावजो, भक्ति तमारी ओ गुरु, जनमथी
हुं करूं, डूबतो बचाववा बालने,
गुरुवर तमे आवजो.. हो परम.. हो परम…(४)
ना आशा गुजने कोईनी, तारा विना छे
हो गुरु, जगबंधु हे जगतगुरु, अंतवेळा
आवजो, भक्तो रह्या तारा भरोसे, एक
तारो आसरो, डूबतो बचाववा बाळने,
हे गुरुवर तमे आवज… हो परम..
हो परम….(५)
हर भवमां आवीने गुरु, आप मुजने तारजो,
परमात्माना बालने, परमात्मा बनावजो,
डूबतो बचाववा बालने, हे गुरुवर तमे
आवजो… हो परम.. हो परम….(६)