हुं याचुं छुं तारा चरण,
मारा दिलमां ज एनुं रटण,
हुं याचुं छुं तारा चरण…(१)
भवो-भवथी करूं, युग-युगथी करूं,
एक नेम ज तमारुं स्मरण हुं…
हुं याचुं छुं तारा चरण…(२)
गढ उंचे तमे, भले छो ने वसो,
पण दिलमां वसी, मारे श्वासे रमो,
जाणी बाळ तमारो मने,
नथी तरवा बीजु को तरण,
हुं याचुं छुं तारा चरण…(३)
तमे त्यागी भले, वैरागी भले,
छोडी राजुलने, वीतरागी भले,
मारे संयमनी छे लगन,
तेथी चुम्यो तमारा चरण,
हुं याचुं छुं तारा चरण…(४)
करुणा झरती, तुज आ नयणे,
मने भींजवती, दर्शननी पले,
तारा गुणे हुं तो रम्यो,
तने सोपी दीधुं आ जीवन,
हुं याचुं छुं तारा चरण…(५)