Jab Bhi Paryushan Aata Hai (Hindi)

Jab Bhi Paryushan Aata Hai (Hindi)

(तर्ज :- जब कोई बात बिगड़ जाये,

जब कोई मुश्किल आ जाये)

 

जब भी पर्युषण आता है,

 पापों से मुक्ति मिलती है, 

ये शाश्वत हैं त्यौहार, 

ए जिनवराऽऽऽ। -(२)

 आत्मा को परमात्मा से, 

मिलना हैं हमको इस बार, 

ये शाश्वत हैं त्यौहार, 

ए जिनवराऽऽऽ, 

ये शाश्वत हैं त्यौहार, 

ए जिनवराऽऽऽ ॥ टेक ॥

 

वो तप धर्म की बात, 

करते हैं हर कोई जां, 

है प्रभु संकट में,

 ना छोड़ना मेरा हाथ। -(२)

 पर्युषण की महिमा को, 

हमने माना अपनी जां,

 हैं शाश्वत ये त्यौहार, 

ए जिनवराऽऽऽ,

 आत्मा को परमात्मा से, 

मिलना है हमको इस बार, 

हैं शाश्वत ये त्यौहार,

 ए जिनवराऽऽऽ॥१॥

 

सेवा पूजा करके आज,

 मनायेंगे हम ये त्यौहार,

 भक्ति कर ने जिनवर की,

 हो जायेंगे सब तैयार। -(२)

 भक्ति दादा तेरी करके, 

करेंगे पापों का संघार, 

ये शाश्वत हैं त्यौहार,

 ए जिनवराऽऽऽ, 

आत्मा को परमात्मा से, 

मिलना हैं हमको इस बार, 

ये शाश्वत हैं त्यौहार, 

ए जिनवराऽऽऽ ॥२॥

 

हम सब जैन मिलकर आज, 

मन में ठाने एक बात, 

ये दिगम्बर श्वेताम्बर नहीं

 होगा किसी के साथ। -(२)

 हम सब जैन जैनी है, 

यही है हम सब की पहचान,

 ये शाश्वत हैं त्यौहार 

ए जिनवराऽऽऽ ॥३॥

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