Jag Jivan Jagvaal Ho (Hindi Lyrics) Jain Stavan
जगजीवन जगवाल हो , (2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे ;(2)
मुख दीठे सुख ऊपजे , (2)
दरिशण अति हि आनंद लाल रे (2)
आंखड़ी अंबुज पाखड़ी , (2)
अष्टमी शशी सम भाल लाल रे। (2)
वदन ते शारद चंदलो , (2)
वाणी अति हि रसाळ लाल रे (2)
जगजीवन जगवाल हो , (2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे ;(2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे
लक्षण अंगे विराजता , (2)
अड़हिय सहस उदार लाल रे.
रेखा कर चरणादिके , (2)
अभ्यंतर नहीं पार लाल रे(2)
जगजीवन जगवाल हो , (2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे ;(2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे
इंद्र चंद्र रवि गिरि तणा ,(2)
गुण लइ घडियुं अंग लाल रे।
भाग्य किहां थकी आवियुं , (2)
अचरिज एह उत्तंग लाल रे (2)
जगजीवन जगवाल हो , (2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे ;(2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे
गुण सघळा अंगीकर्या ,(2)
दूर कर्या सवि दोष लाल रे ।
वाचक जशविजये थूण्यो , (2)
देजो सुखनो पोश लाल रे (2)
जगजीवन जगवाल हो , (2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे ;(2)
मरुदेवीनो नन्द लाल रे