जगत के बंधनो में,
फंसा हुं पार लो तुम,
डूबती है जीवन नैया,
मुझे बस तार लो तुम,
ओ गुरूवर…(१)
अंधेरो में भटक रहा,
मुझे राह दिखाओना,
गुरुवर अपने चरणों का,
मुझे दास बनाओना,
बनके तुम खिवैया मेरे,
बनके तुम खिवैया,
बनके तुम खिवैया मुझको,
पार लगाओना,
अंधेरो में भटक रहा,
मुझे राह दिखाओना,
गुरुवर अपने चरणों का,
मुझे दास बनाओना…(२)
अपनी दृष्टि डालो जरा,
जीवन का उद्धार करो,
रख दो सर पर हाथ मेरे,
मेरा कल्याण करो,
(ज्ञान की खुशबु से मेरा),
जीवन महकाओना,
अंधेरो में भटक रहा,
मुझे राह दिखाओना,
गुरुवर अपने चरणों का,
मुझे दास बनाओना…(३)
गुरु बिन ज्ञान नहीं मिले,
दुनिया ये कहती है,
धूल तुम्हारे चरणों की,
चंदन के जैसी है,
स्पर्श करूं इन चरण को,
आशीष बनाओना,
अंधेरो में भटक रहा,
मुझे राह दिखाओना,
गुरुवर अपने चरणों का,
मुझे दास बनाओनाना…(४