जय हो दादा नेमिनाथ, परमसुखना दाता…
जय हो दादा नेमिनाथ, अक्षयसुखना दाता…(१)
दिल खुष रहे छे, तमारुं एवुं नाम लेता,
मनदुःख ठरे छे बधानुं, आ मारा नेमने जोता,
शुं कहुं? शुं करूं? दूर ताराथी रहेवुं ना,
जो मळुं, तो खरूं, बीजु काई हवे कहेवुं ना,
जय हो जय दादा नेमिनाथ, परमसुखना दाता…
जय हो जय दादा नेमिनाथ अक्षयसुखना दाता…(२)
केवी छे खुमारी, संसारने त्यागी,
ते बचाव्या कई जीवो,
आजे पण ए दृष्टी, भविओ अपनावी,
विरतिनो करो जयकारो,
हुं पण स्मरूं, चरणे धरूं, जीवतर आखु मारूं आ,
गुणो भरु, ने उद्धरु, भवसागरथी आत्मा… (३)
दिल खुष रहे छे, तमारुं एवुं नाम लेता,
मनदुःख ठरे छे बधानुं, आ मारा नेमने जोता,
शुं कहुं? शुं करूं? दूर ताराथी रहेवु ना,
जो मळुं, तो खरूं, बिजू काई हवे कहेवुं ना,
जय हो जय दादा नेमिनाथ, परमसुखना दाता…
जय हो जय दादा नेमिनाथ, अक्षयसुखना दाता…(४)