तर्जः (अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो)
जय जय नंदा… जय जय भद्दा…
(आनंदना सूर आजे रेलावो) हो…
जय जय नंदा… जय जय भद्दा…(१)
मृत्यु पण महोत्सव, एनो कहेवाये,
श्रद्धा सुमनना, साथियां एना छे..
सुणो पुण्यवानो, पालखी आ कोनी,
तप-त्याग-संयम, घरेणा जेना छे…
घोर कलियुगमां, मोहराजा सामे,
युद्ध जे लड्या आ,
पोंखणा एना छे…(२)
महावीर प्रभुना, वारस जे साचा,
जैन संतने मारा, लाख-लाख वंदन…
जीवमात्र साथे, प्रेमथी रह्या जे,
गुणना गुंथेला, गीत आ एना छे,
तप-त्याग-संयम, घरेणा जेना छे…(३)
अंतिम विदाये, चालो सहु जइए,
पालखी लईने गुरुनी, पावन थइए..
ल्हावो छे रुडो, रखे कोई चूकता,
हाजरी फरज ने, प्रतीक प्रेमना छे,
सुणो भाग्यवानो, पालखी आ कोनी,
तप-त्याग-संयम, घरेणा जेना छे…(४)
घोर कलियुगमां, मोहराजा सामे,
युद्ध जे लड्या आ, पोंखणा एना छे…
तप-त्याग-संयम, घरेणा जेना छे…
युद्ध जे लड्या आ, पोखणा एना छे…
पोंखणा एना छे, पोंखणा एना छे…(५)