Jeev Amari Palavie (Hindi)

Jeev Amari Palavie (Hindi)

जीव अमारि पलाविए, 

कीजीए व्रत पच्चकखाण रे, 

भाव धरी गुरु वंदीए रे, 

सुणीए सूत्र वखाण रे. पर्व… (१)

 

आठ दिवस एम पाळीए, 

आरंभनो परिहरो रे, 

नावण धोवण खंडण, 

लींपण पीसण वारो रे… पर्व…(२)

 

शक्ति होय तो पच्चक्खीए,

 अठ्ठाई अति सरो रे,

 परम भक्ति प्रीति लावीने, 

साधुने चार अहारो रे… पर्व…(३)

 

गाय सोहागण सवि मळी, 

धवल मंगल गीत रे, 

पकवानो करी पोषीए, 

पारणे सहम्मि मन प्रीत रे… पर्व…(४)

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