जीवदया मारी माता रे,
आपे सौने सुख शाता रे…
मुंगा पशुओ कही रह्या रे,
प्रेमाळ हाथे पंपाळो,
ओ जीवदयाना रक्षक वीरो,
अमने तमे संभाळो…. (१)
आंसू आँखे वहीं रह्या रे,
अबोल जीवो सही रह्या रे,
लोहीना फुवारा उडी रह्याने,
जीव अमारा जई रह्या रे,
जीव अमारा जई रहह्या,
छे करुणा नजरे भाळो,
ओ जीवदयाना रक्षक वीरो,
अमने तमे संभाळो…. (२)
जे आपे छे लातो ने गाळो,
विश्वमां निर्दय लोको,
नाना मोटा सहु जीवोना,
हणनाराने हवे रोको,
“जीवो अने जीववा दो” नी,
साची समजणथी टोको,
“जीवो अने जीववा दो” नी,
आ समजण आपी पाळो,
ओ जीवदयाना रक्षक वीरो,
अमने तमे संभाळो… (३)
जेनाथी मधुरी छे अवनी ए,
जीवदया सौनी जननी,
जीवरक्षानो “विक्रम” करवा,
ए दयाधर्मनी मात बनी,
अहिंसाने करवा “अंकित”,
सविजीव हर्षे बनी ठनी,
अहिंसाने करवा अंकित,
सविजीवने हर्षे पखाळो,
ओ जीवदयाना रक्षक वीरो,
अमने तमे संभाळो… (४)