जिनमंदिर ये जैसे हो स्वर्ग सजा,
आई देखो आई मनोहर धजा,
अवसर है अन्मोल ये, ढमढम बाजे ढोल रे,
शंखनाद घटनाद गूंजे हैं चारों ओर
बाजे रे मृदंग शहनाई…
मंगल धजा लहराई, गगन में मंगल धजा लहराई (१)
लेहरे धजा लाल लाल है,
चेहरे पर भी अब गुलाल है
आनंदी है चेहरे, दिन ये है सुनहरे,
ठहरे पल भी अब कमाल है,
शंखनाद घटनाद गूंजे हैं चारों ओर
बाजे रे मृदंग शहनाई…
मंगल धजा लहराई, गगन में मंगल धजा लहराई (२)
अलबेले हैं आदीनाथजी,
वंदी वीर महाराजजी
आदीनाथ है ना, वीर भी साथ है ना,
धन्य हुआ कुलपाकजी,
शंखनाद घटनाद गूंजे हैं चारों ओर
बाजे रे मृदंग शहनाई…
मंगल धजा लहराई, गगन में मंगल धजा लहराई (३)