तारणहारा छो अभारा, सर्वज्ञता ने धारनारा,
मारा मनडाने मोहनारा, नाथजी…
तारा नामे, आखा जगने, हूं जीती जउ..(१)
मूरत छो उज्जवलतानी, दिव्यता ने निर्मळतानी,
अविकारी ने अविनाशी, अनन्य गुणोना स्वामी,
आपनी छवी हैये वसी, हे प्राणनाथजी….(२)
केवा शोभे मारा जिनराया जिनराया,
केवा शोभे मारा जिनराया….
बेठां मलके मारा जिनराया जिनराया,
केवा शोभे मारा जिनराया….(३)
छे अवंत मारा जिनराया जिनराया,
छे अनंत मारा जिनराया…
अदम्य रम्य मारा जिनराया जिनराया,
छे अरिष्ठ मारा जिनराया…(४)
मारा छो आतमराया, लागी मुजने तारी माया,
Sचौदे राजे गुंजे तारा, जयकारा हे जिनराया,
तारी प्रीती तारक लागी, बनु साचो ऋषभरागी,
आ दुर्लभ द्रश्य जुहारी, धन्यता भवोनी आवी….(५)
जोया ज्यारे तमने नाथ, भाग्यो मारा भवनो थाक,
झाल्यो आजे तारो हाथ, दुजो ना हो कोई साथ,
संसारना रंगो त्यजी, माणं तारा राजने…(६)
केवा शोभे मारा जिनराया… छे अरिष्ठ मारा जिनराया….(७)
देव-देवी सहु आवता, तारुं देवालय बंधावता,
क्षिरोदधिना जळ लावता, तारा अभिषेक ए रचावता,
भविजन भावे भावता, तारो अंजनोत्सव करावता,
हृदयाना देरे पधरावता, अदकेरो आंनद पागता…(८)