Khovayo hato Hu Bhav Na Braman Ma (Hindi)

Khovayo hato Hu Bhav Na Braman Ma (Hindi)

खोवायो हतो हुं भवना भ्रमणमां, 

ने फेरा फर्यो जन्म ने मरणना, 

सूतो हतो आ आतमने आपे जगाड्यो,

 महा उपकारीने वंदन हजारो…(१)

 

शिष्योना कर्मोनो भार उपाडे, 

ने कर्मोना बंधन हळवा करावे, 

चित्तमां एक ज चिंता सतावे,

 रही जाय ना कोई मजधारे….(२)

 

नीकळ्या हता स्व कल्याण काजे, 

छतां डूबता आतमने बचावे, 

जहाज समान सर्वने उगारे, 

तरी जाय पोते ने सर्वने तारे, 

खोवायो हतो हुं भवना भ्रमणमा…(३)

 

 करुणानिधान गुरुदेव छे मळ्यां,

 दृष्टि पामीने अनेको छे तर्यां, 

मारी भक्तिमां शक्ति हुं एवी जगावुं, 

तारी संगे ज मुक्तिने हुं पामी जावुं…(४)

 

तारी कृपाथी सहु काम थाता,

 उपकारो ना कदीये विसराता, 

आभमां अगणित झळके छे तारा,

 एनाथी वधु उपकारो तमारा, 

खोवायो हतो हुं भवना भ्रमणमां…(५)

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