Koi Shatrunjay jaeene (Hindi)

Koi Shatrunjay jaeene (Hindi)

कोई शत्रुंजय जईने रे कहेजो आदीनाथने, दर्शन देवाने आवो…. 

कोई सिद्धाचल जईने रे कहेजो आदीनाथने, दर्शन देवाने आवो… 

कोई गिरिराज जईने रे कहेजो मारा दादाने, दर्शन देवाने आवो…(१)

 

लाख-लाख दिवडा प्रभु दिलमां प्रगताविया, मनमां हर्ष नथी मातो,

 तारा दर्शननो महिमा छे एटलो, सृष्टिमां नथी रे समतो, 

सारी सृष्टिनी, शोभा वथारो मारा प्रभुजी, दर्शन देवाने आवो…

कोई पालीताणा जईने रे कहेजो भारा दादाने, दर्शन देवाने आवो…(२)

 

हैयाना सागरमां हर्ष मोजा उछळे, रोमे-रोमे आनंद हुं पामुं,

तारा मिलननी आशा छे मुजने, अंतरथी तुजने पुकारूं,

 हुं तो शरणाईओ, ढोल वगडावुं मारा प्रभुजी, दर्शन देवाने आवो… 

कोई सिद्धाचल जईने रे कहेजो आदिनाथने, दर्शन देवाने आवो….(३)

 

गढेचा गिरिराज संघोत्सव आविया, छरिपालित संघ साथे लाव्या,

 पूर्णचंद्रसूरि मुख जिनरस पामीने, भवसागर तरवाना, 

हवे चंद्रनो, दीप प्रगटावो मारा प्रभुजी, दर्शन देवाने आवो…

कोई शत्रुंज्य जईने रे कहेजो मारा नाथने, दर्शन देवाने आवो….(४)

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