(कुंथुनाथ कुंथुनाथ
कुंथुनाथ कुंथुनाथ )..(3)
(तुला साद)
( वधाई वधाई हो मंगल वधाई,
ध्वजानो महोत्सव आव्यो महान,
करे जेओ भक्ति तेने आपे शक्ति,
भवोभवनी भावठने भांगे भगवान,
प्रभु शांताक्रुझमां बिराजमान,
दिवस-रात चाले छे मंगल गुणगान,
जय जय श्री कुंथुनाथ
जय जय श्री कुंथुनाथ
जय जय श्री कुंथुनाथ
जय कुंथुनाथ….
साहिबो साहिबो साहिबो साहिबो
साहिबो साहिबो जय कुंथुनाथ…} १
(भिडे आसमंती)
परम पुण्यवंत प्रभुनो प्रभाव,
सदाकाळ सुखदाई सुंदर स्वभाव,
दीनानाथ दादा दयाळु दातार,
कृपावंत कुंथुजी उत्तम उदार,
अभय अवतार करुणाना सागर,
नमो भावे सत्तरमा तीर्थंकर,
{कुंथुनाथ कुंथुनाथ…}
{जय जय श्री कुंथुनाथ
जय कुंथुनाथ…} २
(चालतो रे)
वर्ष पंचोतेर थाय पूरा एने,
हीरक उत्सव कहेवाय,
हीराथीये वधु अणमोल प्रभु,
संघने सत्व आपे सदाय. ३
(आज हारपले)
महा उपकारी छे महाराज,
शोभे शासनना शिरताज,
एनी शक्ति अनंत अनंत,
जिनराज जगत जयवंत,
दीवडे दीवडे प्रभु नाम,
एना डंका वागे गामेगाम,
टाळे नानामोटा अवरोध,
आपे अनुपम आतमबोध… ४
{ वधाई वधाई हो मंगल…}
(चालला गजर)
मुक्तिनी सफर, नाथनी नजर,
पामीने सहेली थाय,
पूर्णरूपतानी प्राप्ति अहो,
वहेली रे वहेली थाय,
बजे ढोल नगारा मंदिरिये,
शरणाई सूर संभळाय,
बहु बढते बढते रंग, प्रभुनी
“देवर्धि” वखणाय. ५
(मुख दर्शन)
राजा सूरसेन छे पिता,
राणी श्रीदेवी छे माता,
अज लंछन छे मनरंजन छे,
सुखदाता ए छे सुखदाता,
कुंथुनाथ कुंथुनाथ कुंथुनाथ कुंथुनाथ…
परम प्रभावी, देवाधिदेव,
आनंदघन, आतमराम,
सूर्यसेन पिता नंदन,
श्रीदेवी माता नंदन,
सतरमां तीर्थंकर,
कुंथुनाथ भगवान की जय…. ६