Mahopadhayay Yashovijay Vinay Vijay (Hindi)

Mahopadhayay Yashovijay Vinay Vijay (Hindi)

महोपाध्याय यशोविजय,

विनय विजय सुखकार,

 समरी सहु वाचकवरोने,

गाउं तस उपकार,

 वीर विजय आदि गुरु नमो,

यशोविजय सुखदाय,

 तस अंतेवासी विमलसेन विजयजी,

वाचक वर उपाध्याय… १

 

सागर सम गंभीर छे,

साचा श्रुतस्थवीर छे,

संघ सकळनुं हीर छे,

गौतमनी तस्वीर छे,

 उपाध्याय एवा मळ्यां,

मारी ए तकदीर छे… २

 

समुदायनी रीढ छे,

परिपक्वने पीढ छे,

 छे विनय भाव महामूलो,

गुणवैभवना पायामां,

सहुं मुनिवर ले विसामो,

जे घठादार छायामां,

 जिनशासनना उपवनमां,

ए वृक्ष बनी सोहाय,

मारा उपाध्याय व्हाला,

मारा उपाध्याय… ३

 

सूत्रनो जयघोष छे,

जीवंत आगमकोष छे,

 मुख पर स्मित छलकतुं,

संयम छे श्वासे श्वासे,

शुभ मंगलमूर्तदाता,

खीलता प्रेम सुवासे,

आलंबन छे सहुने माटे,

एमनो स्वाध्याय,

 मारा उपाध्याय व्हाला,

मारा उपाध्याय… ४

 

प्रेम-भुवनभानु तरूवरना,

माळीसम सोहाया,

 सूरि जयघोषना लाडकवाया,

अजातशत्रु गवाया,

 सूरि राजेन्द्रनी गच्छसभामां,

राजपुरोहित थाय,

 वर्धमान तपना आराधक,

रक्षे छे षट्‌काय,

 श्री सिद्धांतना संरक्षक,

ए विमलसेन गुरुराय,

मारा उपाध्याय व्हाला,

मारा उपाध्याय…

विमलसेन महाराज मारा,

प्यारा उपाध्याय हो… ५

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