मळवुं छे तुजने मारा आदिनाथ,
भळवुं छे तुजमां व्हाला आदिनाथ,
चाहु छु दिन रात ऋषभ तारो साथ,
मुजने तुं संभाळ झाली मारो हाथ,
विनवे छे तुज बाळ भवपार उतार,
तारणहारा छो प्रभु आदिनाथ…
पालनहारा छो प्रभु आदिनाथ…
मळवुं छे तुजने…(१)
आवो आवोने रूषभजी,
उरमां आवोने ऋषभजी
आवो पधारो व्हाला
मनना मंदिरे ऋषभजी…(२)
कृपा तणो तुज प्रेमनो धोध,
वरसी रह्यो छे अनराधार,
गुंजी रह्यो छे मुज श्वासो माही,
मारा ऋषभनो रणकार,
सुणजे तुं प्रभु आ मारी पुकार,
मारी छे अरज हवे जलदी स्विकार,
विनवे छे तुज बाळ भवपार उतार,
मरुदेवा नंद प्रभु आदिनाथ…
जगजयवंत प्रभु आदिनाथ…
मळवुं छे तुजने…(३)
कामणगारा छो ऋषभजी,
रक्षणहारा छो ऋषभजी,
आवो रे आवो व्हाला,
मनना मंदिरे ऋषभजी…
मारा स्वामी छो ऋषभजी,
अंतर्यामी छो ऋषभजी,
तारो रे तारो व्हाला,
भवपार उतारो ऋषभजी…(४)