Man Mohi Lidhu Girnare | Jain Stavan | Hindi Lyrics

Man Mohi Lidhu Girnare | Jain Stavan | Hindi Lyrics

MAN MOHI LIDHU GIRNARE (Hindi Lyrics) Jain Stavan

यादो मा  ने स्वप्नो मा बस तुं छे दिन रात,

ज्यारे थी भेट्यो तुजे बस एक तारी वात,

तुं दोष संताप टाळे,

तुं  भवसागर थी उगारे,

तुं कर्म कोडो ना बळे, 

तुं पापी ने पण तारे,

मन मोही लीधुं गिरनारे, 

चित्त चोरी लीधुं नेमकुमारे

ज्यां साधना नी बहार छे, सिद्धि नो जे दातार छे,

सौंदर्य एवुं अपार छे, देवलोक ने पडकार छे,

साहससावाने संयम अंगीकार,

कैवल्य ने वर्या नेमकुमार,

समवसरण जिनबिंब जुहार, 

रह नेमी ने तर्या राजुल नार

मन मोही लीधुं गिरनारे, 

चित्त चोरी लीधुं नेमकुमारे

अरिष्ट ने अंजन समा गिरनार ना शणगार छे,

जेना प्रभावे कैंक नो तूट्यो अनंत संसार छे,

बिराजे प्यारा नेमकुमार , 

छे धन्य धन्य ते कर्णविहार,

वर्षावता ते ब्रह्म जळधार,

 सवी जीव ना ते तारणहार

मन मोही लीधुं गिरनारे, 

चित्त चोरी लीधुं नेमकुमारे

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