मन है ये उतावला, जाना है जीरावला..
जहां हर कोई चला, जाना है जीरावला..(१)
रोम रोम मेरा रंगों में चूर है,
उत्साह मेरे उर में भरपूर है,
हृदय में हर्ष है, अंग में उमंग है,
ऐसा अवसर मिला भाग्य है मेरा खिला,
मन है ये उतावला, जाना है जीरावला..
जहां हर कोई चला, जाना है जीरावला..(२)
ढोल ताशे बजे बजे है शेहनाई,
तन मन में रे खुशियां लहराई,
हो पारस सुखदाई की प्रतिष्ठा आयी,
क्यों फिर ना हो भला मन ये उतावला,
मन है ये उतावला, जाना है जीरावला..
जहां हर कोई चला, जाना है जीरावला..(३)