मारा शमणा मां नेम प्रभु आवता रे
लोल ए तो आवी ने मुज ने जगाडता रे मारा शमणा मा
मारी घेली नींदर ने उडाडता रे लोल,
ए तो उर ना आसनीये बिराजता रे लोल… (२)
हूं तो अंतर थी आरती उतारतो रे लोल
हूं तो भाव भर्या फुलडे वधावतो रे लोल मारा शमणा मां….
हूं तो स्नेह नी सितार आज छेडतो रे लोल
मारा ने दिल थी रीझवतो रे लोल…(२)
प्रभु हसी हसी मुजने बोलावता रे लोल
मने मुक्ति नो मारग बतावता रे लोल मारा शमणा मां….
एना शिखरे धजाओ-मोंघी फरफरे रे लोल
एना सोनेरी कळश जनमन हरे रे लोल…(२)
एनी जाळी नी कोतरणी झीणी रे लोल
मने जोवी गमे बहु ते अनेरी रे लोल
मारा शमणा मां नेम प्रभु आवता रे
लोल मारी आँखो मा अमृत वरसावता रे लोल मारा शमणा मां….
मारा शमणां मां नेम प्रभु आवता रे लोल
ये तो आवीने मुजने जगाडता रे लोल
आँखोमा अमृत वरसावता रे लोल… (२) मारा शमणा मां….