Mare Thavu Anamee Anagara (Hindi)

Mare Thavu Anamee Anagara (Hindi)

मारे थावुं अनामी अणगार रे, साची शांतिनुं शमणुं साकार रे..

मारे थावुं छे भवजल पार रे, साची शांतिनुं शमणुं साकार रे..

जिनराजना जेवा थावा, मारे गुणला एना गावा,

नित्य आणा एनी पाळी, परमना पथ पर जावा,

याचुं रजोहरण… मांगुं रजोहरण…

साधुं रजोहरण… पामुं रजोहरण…(१) 

अंतरमां आनंद एवो, भव सफळ थयो केवो,

रजोहरण लेवाने काजे, अंगे-अंगे उमंग एवो,

गुरुमैयाना वचनोना सादे, रहेवुं गुरुकुळ आवासे,

पारसना वारस बनी हुं, आत्म कल्याणना प्रवासे,

नानी वयमां, नानी श्रमणी, बनवानो हरख अपार,

याचं रजोहरण… मांगुं रजोहरण…

साधुं रजोहरण… पामुं रजोहरण….(२) 

आतम ज्योत जगावानो, अवसरीयो रुडो आयो,

रागी मटीने विरागी बनवा, त्यागनो मारग पायो,

करमोथी जयंत जेणे पायो, एनो मन मयूर हरखायो,

एवा निपुण बनवानो, आ विरति उत्सव सवायो,

आत्मोद्धारे “अंकित” थईने, सर्वस्वनो स्वीकार,

याचं रजोहरण… मांगुं रजोहरण…

साधुं रजोहरण… पामुं रजोहरण…(३) 

आ भरतमां संत बनी, मारे जावुं विदेह मोझार,

याचं रजोहरण… मांगुं रजोहरण…

साधुं रजोहरण… पामुं रजोहरण…

प्रभु वीरना वंश बनी, गारे करवो छे आत्मोद्धार…(४) 

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