Muj Manana Male (Hindi)

Muj Manana Male (Hindi)

मुज मनना माळे, आतम पंखी, शोधी रहाुं धेतल शणगार,

शासन केरी, शान बनवाने, हवे जडी गई, वैराग्य पगथार… 

हो हवे जड़ी गई छे, वैराग्य पगथार…(१)

 

विरागनी रुचि प्रगटीने, हवे सजवी संयम डोली, 

आतमने पारस करवा, मारुं अंतर रहाुं छे बोली, 

पथिक परमना बनवुं छे, सजी सुंदर वेष मनोहार,

 थाये धन्य धन्य अवतार, मारे जावुं वैराग्य पगथार… 

छोडी संसारीनो सथवार, मारे जावुं वैराग्य पगथार…(२)

 

भवभ्रमणनी यात्रा करी मैं, लाख चोरासीनी कक्षामां, 

हवे पंच महाव्रत साथे रहेशे, मुज आतमनी रक्षामां,

 नाणनी सामे नाचवुं छे, करी रजोहरण स्वीकार,

 थाये धन्य धन्य अवतार, मारे जावुं वैराग्य पगथार… 

छोडी संसारीनो सथवार, मारे जावुं वैराग्य पगथार…(३)

 

जिनराजनी आणा हुं पाळुं, दिन-रात निजनी धारामां,

 ज्ञान ध्यानमां एकतान थई, बांधुं पुण्य पंचम आरामां,

अणगारमां “अंकित” थवुं छे, करूं मुक्तिनो टहुकार,

 थाये धन्य धन्य अवतार, मारे जावुं वैराग्य पगथार…

 छोडी संसारीनो सथवार, मारे जावुं वैराग्य पगथार…(४)

 

विरतिनो व्रतभार लेवा, मारे जावुं वैराग्य पगथार…

कर्मोनी भरमार तोडवा, मारे जावुं वैराग्य पगथार…

कषायोने पडकार करवा, मारे जावुं वैराग्य पगथार…

अरिहंतनो आकार बनवा, मारे जावुं वैराग्य पगथार…(५)

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