ॐ जय जय गुरुदेवा,
दादा जय जय गुरुदेवा,
पुण्यनुं पोषण होवे, पापनुं शोषण होवे,
करिए गुरु सेवा, ॐ जय जय गुरुदेवा..(१)
जगद्गुरु विजय हीरसूरीश्वर, जिनशासन
राजा,हो दादा जिनशासन राजा,
सहु गच्छ कीर्ति गावें, तपगच्छ सरताजा,
ॐ जय जय गुरुदेवा…(२)
जिनधर्म मर्म समझाकर, सद्गुरु अकबर
प्रतिबोधे,तीरथ पट्टा पाकर, जीवहिंसा
अवरोधे,ॐ जय जय गुरुदेवा…(३)
नित-नित नियमित आरती, सद्गुरु की कीजे,
बिन मांगे सब पावे, धन सुत यश लीजे,
ॐ जय जय गुरुदेवा…(४)
‘आशीष’ वरदायी गुरुवर भक्ति, करो उर
उल्लासे,धर्मलाभ धनलाभ बढ़े, दुःख
दोहग नासे,ॐ जय जय गुरुदेवा….(५)