Padmaprabha Pranase Pyara (Hindi)

Padmaprabha Pranase Pyara (Hindi)

पद्मप्रभ प्राणसे प्यारा,

छोडावो कर्मनी धारा;

करम फंद तोडवा धोरी,

 प्रभुजी से अर्ज है मोरी. पद्म०१

लघुवय अेक थे जीया,

मुक्तिमें वास तुम किया;

न जाणी पीड तें मोरी,

प्रभु अब खींच ले दोरी. पद्म० २

विषय सुख मानी मों मनमें,

 गयो सब काल गफलतमें;

नरक दुःख वेदना भारी,

 नीकळवा ना रही बारी. पद्म० ३

परवश दीनता कीनी,

 पापकी पोट शिर लीनी;

 न जाणी भक्ति तुम केरी,

 रह्यो निशदिन दुःख घेरी. पद्म०४

इसविध विनति मोरी,

करूं में दोय कर जोडी,

 आतम आनंद मुज दीजो,

 ‘वीर’ नुं काज सब कीजो. पद्म०५

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