Padapadanama Padanabhooshhanama (Hindi)

Padapadanama Padanabhooshhanama (Hindi)

पदपद्ममां पद्मभूषणम्, करे दूर सवि नर दूषणम्, 

हस्ते वसे माँ सरस्वती, जिह्वा मधुरने रसवती, 

वात्सल्य अंतःकरणमां, वंदन हो गुरूवर चरणमां…(१)

 

अहोभाग्य जागे त्यारे जडतो, रत्न एवो सुंदर हो, 

अहोभाव आजे मारे चढतो, मारा व्हाला गुरूवरनो, 

गुरूवर मारा तारणहारा, अविरत वेहती वाणी धारा, 

गुरुवर मारा कामणगारा, अविरत बेहती लेखन धारा, 

सरस्वती नंदनम्… सूरीवर वंदनम् वंदनम्…(२)

 

अवनी पर भानु आवीने, अंधकारनो नाश करे, 

रजनी नामनो सुंदर रत्न, भीतर ज्ञान प्रकाश करे, 

अंतर तमनो नाश करे, भीतर ज्ञान प्रकाश करे,

 गुरुवर ज्ञानी श्रुत सरजावे, गुरूवर वाणी नित वरसावे, सरस्वती नंदनम्… सूरीवर वंदनम् वंदनम्…..(३)

 

शासननो जयघोष करी, सूरि राज परितोष धरे, 

दोषी कुंटुंबनो आ कुलदीपक, दूरे सहुना दोष करे, 

जिनशासन जयघोष करे, दूरे सहुना दोष करे,

 गुरूवर सहुने पथ दर्शावे, गुरुवर सहुना मन हर्षावे, 

गुरूवर मारा मन हर्षावे, गुरूवर गाथा जन-जन गावे,

 सरस्वती नंदनम्… सूरीवर वंदनम् वंदनम्…(४)

 

शब्दोंने शणगारे गुरूवर, दिल्लीना दरबारे गुरुवर,

प्रभुवरना पगथारे गुरुवर, शिष्योना सथवारे गुरुवर,

अम भक्तोने तारे गुरूवर, मोहराजने मारे गुरुवर,

पापोने पडकारे गुरुवर, कर्मोने ललकारे गुरूवर,

सारथी आ संसारे गुरुवर, वंदन वारे वारे गुरुवर…(५)

 

वधावे आजे सकल समाज रे, रत्नसुंदरसूरि महाराज..

अमारा तारण तरण जहाज रे, रत्नसुंदरसूरि महाराज..

गुरुवर शासनना शिरताज रे, रत्नसुंदरसूरि महाराज..

वीरना वारस लागे आज रे, रत्नसुंदरसूरि महाराज..(६)

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