पालव मातनो छोडी, पिताना पाये पडी,
आशिष धो, विदाय लहुं हुं आज,
समतामां मन जोडी, ममताशुं मन मोडी,
आशिष घो, संयम लउ हुं आज,
संयम लउं हुं आज…
शाश्वत साचुं सुख मेळववा,
संयम चाहुं हुं आज,
संयम लउं हुं आज…. (१)
विस्ती वाढे जाउं, संयम साज सजाउं,
सुख अनंतु सर्व पाम्या, मार्ग ए ज
हुं चाहुं, क्षणिक सुखने शाश्वत
मानी,संसारे रांची रहुं,दुर्लभ
अतिशय मानवनो भव, शाने हारी जउ..
धवल वस्रो शोभे, मन धवल रंगे महेके,
आशिष घो, विदाय लहु हुं आज,
समतामां भन जोडी, ममताशुं मन गोडी,
आशिष घो, संयम लउ हुं आज,
संयम लउं हुं आज…
शाश्वत साचुं सुख मेळववा,
संयम चाहुं हुं आज,
संयम लउं हुं आज… (२)
प्रदक्षिणा त्रण देता, भव भ्रमण ढली
जाता,शाश्वत सुखनी सफरे जाता,
गुरु बने मारी माता, मुंडन करजो
प्रवज्या देजो, वेश वीरनो चाहुं,
परमानंदे विचारवाने,परम मार्गे जाउं,
ईच्छानुं मुंडन करजो, वेश वीरनो
धरजो, आशिष घो,विदाय लहुं
हुं आज,समतागां मन जोडी,
ममताशुं मन गोडी,आशिष घो,
संयम लउ हुं आज,
संयम लउं हुं आज….
शाश्वत साचुं सुख मेळववा,
संयम चाहुं हुं आज,
संयम लउं हुं आज…
श्वास प्रभुना चरणे मुकी,
संयम लउं हुं आज,
संयम लउं हुं आज… (३)