Param Upkaree He Jinshasan (Hindi)

Param Upkaree He Jinshasan (Hindi)

परम उपकारी, हे जिनशासन! तने रोजे

समरूं, जिनशासन थकी सघळु मळ्युं,

शासनने अर्पण करूं,लईये सम तुज

रक्षाना,ए माटे मरी फिटवाना,

प्राणांते पण हरेक श्वास,तारा

नामे धरवाना, परम उपकारी… ॥धृ॥

 

तीर्थोकेरी मळी धरोहर,

(सुभटोना बलिदाने),

 संघ चतुर्विध मळ्यो मनोहर,

(शहादतना टाणे),

दोडी-दोडी आव्या वीरो, माथा धरवाने,

 केसरियो रंगायो छे, इतिहासना पाने,

 बारोटोसम शूरवीरता, विक्रमशी जेवी

धीरता, महानायक ए खारवेल सम,

चाहुं छुं दूरदर्शिता…

परम उपकारी… ॥१॥

 

वंदे शासनम्… वंदे शासनम्…

जैनम जयति शासनम्…

जैनम जयति शासनम्…

 

बादशाह ने राजा पण नमता, (हीरसूरिदादाने),

प्रभावना करी जिनवचनोनी,

(शासनना संताने),

ज्ञानीओ सदिओथी समजावे, घेली

दुनियाने, सिद्धांतो जिनशासनना,

अपनाव्या आ विज्ञाने, हवे बिजे

क्याय दोडू ना, रहूं शासनना शरणमां,

 सौभाग्य छे, अहोभाग्य छे, हुं जन्म्यो छुं

जिनशासनमां….परम उपकारी…॥२॥

 

प्राणोंथी पण प्यारुं छे, जिनशासन

अमारुं छे,शासन मारो प्राण छे,

आन बान ने शान छे,शासनना सेनानी

छे,एनी रग-रगमां खुमारी छे…

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