परिणतिना पर्वमां, रंग छायो, आनंदना तरंगनो, संग भायो,
स्वने चाहुं सौने चाहुं, प्रेम परमे पदवी पायो….(१)
रेलावे जे, जीवन संगीत, हृदयनी सभरता,
ए स्नेहनो, निधि मळ्यो, संयम जीवनमां,
मंगल हो आ विश्वनुं, प्रार्थना ए फळी,
प्रेमनी धार वहेवा दो, संवेदना ए खीली….(२)
जीवने हरक्षण प्रभुकृपा छे, एनो अनुभव मारी कथा छे,
बधे ज जोयुं ईशनुं प्रतिबिंब छे,
थयो पवित्र प्रभु स्मरणथी, प्रजळ्यां पापो गुरु चरणथी,
मळ्युं मुजने मंगलनुं वरदान छे…(३)
सतनुं शिखर चढुं कदी, सद्भावना ए धरी,
तेजोवलय वींटुं स्वयं, मन कामना ए करी,
पावित्र्यनां स्पंदन हो, प्रार्थना ए फळी,
जेमां धर्म तेनो जय हो, संवेदना ए खीली…(४)
प्रसन्नता स्पर्शन हो, प्रार्थना ए फळी,
मंडन सहुनुं मारी आस्था, संवेदना ए खीली,
परिणतिना पर्वमां रंग छायो,आनंदना तरंगनो संग भायो,
स्वने चाहुं सौने चाहुं, प्रेम परमे पदवी पायो…(५)