पावनकारी मंगलकारी,
आतमने आनंदकारी,
पातिक सघळा हरनारी,
संघयात्रा मनोहारी,
गुरुवरनी संगे भविजन,
कर्मोनी तोडे मात्रा,
संघयात्रा संघयात्रा,
छ’रिपालंती संघयात्रा….
संघयात्रा संघयात्रा,
चालो करीए संघयात्रा… (१)
साज सजीने रंगे चंगे,
आनंदमां सौ राचे रे,
गुरुराजना पगले चाली,
उमंगमां सौ नाचे रे,
गामे-गामे विध-विध भाते,
सात क्षेत्रनी भक्ति रे,
शासननी प्रभावना करता,
संघयात्राथी मुक्ति रे,
चालो-चालो नर-नारी सहु,
करवाने हवे जात्रा,
संघयात्रा संघयात्रा…(२)
मरुधरमां जगजयवंता,
जीरावला पारसनाथ रे,
प्रतिष्ठामां पण प्रथम जेनं,
नाम लखाये साथ रे,
रत्नाकर सूरि निश्राए,
भक्तामर रत्न संघ रे,
संधवीजी गुंडेचा परिवार,
हरखे अंगे अंग रे,
ईतिहासे “अंकित” थाये,
एवी करीए महायात्रा,
संघयात्रा संघयात्रा…(३)