Prabhu Milanni Ek Ja Eechha (Hindi)

Prabhu Milanni Ek Ja Eechha (Hindi)

प्रभु मिलननी एक ज ईच्छा, पुरी थाये मारी रे,

 पल पल समरुं तुजने प्रभुवर, तारी मारी यारी रे… [१]

 

परमनी प्रीत प्राप्त करवा, प्रभु तारा पंथे चालुं हुं, 

ज्ञाननी रीत मेळववा माटे, प्रभु तारो हाथ झालु हुं, 

रोमे रोमे प्रगटे प्रभुवर, अनुपम भक्ति मारी रे… [२]

 

तारा मिलननो अनहर आनंद, अंतरमां उछळे तरंग रे, 

सुखदायी छे प्रभु तारो संग, सागरमां उछळे तरंग रे, 

मिलननी पळो क्यारे खुटे नहीं, याद आवे तारी रे… [३]

 

तारुं स्मित तारी आंखो, चित्तमां सहाय रमती रे,

 “राजेन्द्र शेखर” नी प्रभु प्रीत एवी, चित्तने सदाय गमती रे, 

तारा मिलननी हर कोई पळो, “हर्ष”ने खूब प्यारी रे… [४]

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