Saiyam Kee Jo Jhalak Dikhae (Hindi)

Saiyam Kee Jo Jhalak Dikhae (Hindi)

संयम की जो झलक दिखाएं,

श्रावक की पहचान कराएं,

सच्चा जीवन जीना सिखाऐ उपधान…

गुरुवर से जो प्रीत कराएं,

साधु धर्म का बोध कराएं,

खुद में जीवन जीना सिखाए उपधान…

गुरु के चरणों में उपधान किया है..

गुरु की निश्रा में उपधान किया है… (१)

 

काउसग्ग सौ लोगस्स का,

जल्दी उठकर करते,

 प्रतिक्रमण किरीया,

विधि भावों से करते,

गुरमुख से जिनवाणी,

सुनने को कान तरसते,

वांचना जब देते गुरुवर,

लगता मेघ बरसते,

भक्ति भावो से करें देववंदन,

 गुरु के संग रहकर हुआ,

जीवन परिवर्तन,

 गुरु के चरणों में उपधान किया है..

 गुरु की निश्रा में उपधान किया है… (२)

 

 गुरु के हाथों से पहनी,

मैंने मोक्षमाला आज,

 खुशियां है दिल में भरी,

अब साथ मेरे गुरुराज,

 कैसे रहूंगा,

अब तेरे बिना मैं,

सांसे है तुं मेरी,

 सोचु तो यह दिल रोता है,

सह ना मैं पाऊं दूरी,

नेमि को चरणों में रख लो गुरुवार,

 हम सब को चरणों में रख लो गुरुवर,

गुरु के चरणों में उपधान किया है..

गुरु की निश्रा में उपधान किया है… (३)

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