Sajag Bano (Hindi Lyrics) Save Shikharji Jain Stavan
श्वास श्वासमां, प्राण प्राणमां,
रोमेरोममां एक नाद हा….(२)
शिखरजी छे संकटमां
सजग बनो, सजग बनो..
रक्षा करवा तीरथनी
तमे सजग बनो…
एनी पवित्रता जोखममां
सजग बनो..सजग बनो
करवा भक्ति तीर्थ नी
तमे सजग बनो..
जैनोनी जे पावन भूमि छे
वीस जिनेश्वरोनी निर्वाणभूमि छे..
एनी धरोहरने साचववा
सजग बनो सजग बनो…
एनी प्राचीनता जाळववा,
तमे सजग बनो..
हवे ऋण एनुं चूकववा,
सजग बनो सजग बनो…
एनी शान सदा जाळववा,
तमे सजग बनो..
धरी छे आ भूमिए पावनता,
वीस-वीस जिनना ज्यां पगला….
हजु ए गुंजे छे, गाजे छे,
नाद जेनो कणकणमां…
अतिशय सुंदर छे,निर्मळ छे,
वर्तमान विश्वमां…
आजे पण आवे छे, गावे छे,
देवो जेना गुणला…
तमे पण आवोने, सत्व जगावोने,
तीरथ पोकारे आ… हो..हो..हो..हो..
सकल संघ आवो ने, तीरथ बचावोने,
शासन पोकारे आ… हो..हो..हो..हो..
पवित्र गिरिवर छे, गौरव छे,
आखा जिनशासननो..
विरासत जैनोनी, सदीओथी,
हक पण छे जैनोनो..
समय छे शक्तिनो, अभिव्यक्तिनो,
तीरथनी भक्तिनो…
विषय छे रक्षानो, सुरक्षानो,
सामुहिक क्रांतिनो…
साहस बतावोने, सत्ता हलावोने,
जागृति लावो ने… हो..हो..हो..हो..
गरीमा बचावोने, महिमा वधारोने,
एकता देखाडोने… हो..हो..हो..हो..
धुरंधर आचार्यो, गच्छनायको,
मुनिवरो सहु आवो..
शिखरजी रक्षाकाज पवित्रताकाज
सामर्थ्य बतावो..
के सुणजो संघपतिओ, श्रेष्ठीओ,
श्रावक-श्राविकाओ..
तमारुं तन-मन-धन, आ जीवन,
तीरथ माटे आपो..
तीरथ अमारुं छे, प्राणथी प्यारुं छे,
नाद गजावो ने… हो..हो..हो..हो..
संमति आपीने, संपत्ति आपीने,
धर्म बजावोने… हो..हो..हो..हो..