समरो मंत्र भलो नवकार,
ए छे चौद पूरवनो सार एना महिमानो नहि पार,
एना अनंत उदार. समरो मंत्र भलो नवकार…
सुखमां समरो दुःखमा समरो,
समरो दिवस ने रात जीवता समरो, मरता समरो,
समरो सौ संगाथ समरो मंत्र भलो नवकार…
योगी स्मरे, भोगी स्मरे, समरे राजा रंक, देवो समरे,
दानव समरे, समरे सौ निःशंक समरो मंत्र भलो नवकार…
अडसठ अक्षर एना जाणो,
अडसठ तिरथ सार आठ संपदाथी माणो,
हरसिद्धि दातार समरो मंत्र भलो नवकार…
नवपद एहना नवनिधी आपे,
भवभवना दुःख कापे वीरवचनथी हृदये व्यापे,
परमातम पद आपे समरो मंत्र भलो नवकार…