सरस्वती माँ सरस्वती,
पूजु तमने सरस्वती….
ध्यावुं तमने सरस्वती,
वंदु तमने सरस्वती…(१)
उपकार अनंता छे तारा बाळ छे तमारा,
संगीत श्रुत ने शब्द
काजे छे शरणे तमारा,
सरस्वती माँ सरस्वती,
पूजु तमने सरस्वती….(२)
पद्म द्रह पर तुं बिराजे श्वेत वस्रो धारीने,
हंसवाहिनी वीणावादीनी
निर्मल ज्ञान वहावीने,
सरस्वती माँ सरस्वती,
पूजु तमने सरस्वती….(३)
प्रथम पीठिकानी अधिष्ठायक
आचार्य तुजने ध्यावे,
तीर्थंकरनी वाणीमां तुं
भवजल पार उतारे,
सरस्वती माँ सरस्वती,
पूजु तमने सरस्वती…(४)
ब्राह्मी ने वाणी छे
तुं शारदा ने भारती,
वागदेवी वरदायिनी
श्रुतगंगा वहावती,
सरस्वती माँ सरस्वती,
पूजु तमने सरस्वती…(५)
ऐं बीजाक्षर छे तारो
निर्मल चित्ते जे ध्यावे,
अमीद्रष्टि तारी वरसे
जीवन धन्य बनावे,
सरस्वती माँ सरस्वती,
पूजु तमने सरस्वती….(६)