Sher Aur Sham Sher Jinke Aage Jhukate He (Hindi)

Sher Aur Sham Sher Jinke Aage Jhukate He (Hindi)

शेर और शमशेर, जिनके आगे झुकते

है, चक्रवर्ती – सम्राट, जिनको पूजते है, 

इंद्र और देवता भी, सेवा में हाजिर रहते

है,ऐसे त्रिभवन स्वामी, आदिनाथ को

नमन करते है…(१)

 

सोने की छड़ी, रूपे की मशाल,

 जरियन का जामा, मोतियन की माला,

 प्रथम राजेश्वर, प्रथम मुनिश्वर,

 धर्म प्रकाशक, प्रथम जिनेश्वर, 

जीवदया प्रतिपालक, वंश इक्ष्वाकु

संस्थापक, धर्म तीर्थ के प्रवर्तक,

युगादिदेव आदिनाथ प्रभु को, घणी

खम्मा घणी खम्मा घणी खम्मा…(२)

 

आनंद छाया, उत्सव आया, मरुभूमि से 

संदेश है आया, मोर टहुके, कोयल

गाए, देश बुलाये रे…(३)

 

पधारो आदेश्वर दरबार, केसर से

तिलक सत्कार, पधारो आदेश्वर दरबार,

केसरिया बालम की झंकार, पधारो

आदेश्वर दरबार, करे प्रभुबर की जय 

जयकार, पधारो आदेश्वर दरबार,

रेवतड़ा की मीठी मनुहार, पधारो

आदेश्वर दरबार…(४)

 

तोरण लेहराते है घर-घर, रंगोली

 हर चौखट पर, गूंजे है रास मधुरी, 

शहनाई गूंजे है आंगन, ढोल नगाडे 

बाजे ढम-ढम,धरती बनी है दुल्हन, 

पुरखो की मिट्टी है चंदन,केसर

कुमकुम, अक्षत मौली, पत्रिका ये,

भावों वाली, भक्ति के संग, उत्साह

उमंग,भाव जगाए रे, पधारो आदेश्वर

दरबार…(५)

 

शांत वदन मन मोहे, रेवतडे आदेश्वर

सोहे, अविकारी निर्मल नैना, दिव्य

अद्भुत अनुपम है,आत्म स्वरूप

निरुपम है,तेजस्वी रूप जिनवर का,

हरता अज्ञान का तम है,

जिनमंदिर में,मनमंदिर में,आदेश्वरजी

बसे हर दिलमें,निजपद जो दे,

जिनपद वो है,’प्रदीप’ गुण गाये रे,

पधारो आदेश्वर दरबार…(६)

Related Articles