Shobha Shi Kahu Re Shetrunja Tani (Hindi)

Shobha Shi Kahu Re Shetrunja Tani (Hindi)

शोभा शी कहुं रे शेत्रुंजा तणी…

 (राग : प्रीतलडी बंधाणी रे…/आंखडी मारी प्रभु…/ निरख्यो नेमि जिणंद…)

 शोभा शी कहुं रे शेत्रुंजा तणी,

 जिहां बिराजे छे प्रथम तीर्थंकर देव जो;

रुडी रे रायण तळे ऋषभ समोसर्या,

 चोसठ सुरपति सारे प्रभुनी सेव जो. ॥ १ ॥

निरख्यो रे नाभिराया केरा पुत्रने,

 माता मरुदेवी केरा नंद जो;

लाख बा सातसे नि रुडी रे विनीता नगरीनो धणी,

मुखडुं ते सोहे, शरद पूनमनो चंद जो. ॥२॥

 निरखो रे नारी, कंथ ने विनवे,

 पियुडा मुजने पालीताणा देखाड जो;

ए गिरिए पूर्व नव्वाणु समोसर्या,

  माटे मुजने आदीश्वर भेटाड जो. ॥३॥

मारे मन जावानी घणी होंश छे,

क्यारे जावु ने क्यारे करु दर्शन जो;

ते माटे मन मारूं तलसे घणु,

नयणे निहाणु तो ठरे मारा लोचन जो. ॥४॥

एवी रे अरज अमारी सांभळो,

 हुकम करो तो आवुं तमारी पास जो;

महेर करीने एक वार दरिशन दिजीए,

श्री ‘शुभवीर ‘नी पहोंचे मननी आश जो. ॥५॥

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