श्री महावीरे भाखिया, धर्मना चार प्रकार रे,
दान शीयळ तप भावना, पंचमी गति दातार
रे,श्री महावीरे भाखिया…(१)
दाने दोलत पामीये, दाने क्रोड कल्याणो रे,
दाना सुपात्र प्रभावथी, कयवन्नो शालीभद्र
जाणो रे,श्री महावीरे भाखिया… (२)
शीयळे संकट सवि टले, शीयळे वांछित
सिध्द रे,शीयळे सुर सेवा करे,सोळ
सति प्रसिध्द रे,श्री महावीरे भाखिया..(३)
तप तपो भवि भावशुं, तपथी निर्मळ तन रे,
वर्षापवासी ऋषभजी, धन्नादिक धन्य-धन्य
रे,श्री महावीरे भाखिया… (४)
भरतादिक शुभ भावथी, पाम्या पंचम ठाम रे,
उद्यरत्न मुनि तेहने रे, नित्य करे प्रणाम रे,
श्री महावीरे भाखिया… (५)