Shree Naminathane Charane Namata (Hindi)

Shree Naminathane Charane Namata (Hindi)

श्री नमिनाथने चरणे नमतां,

 मनगमतां सुख लहीअे रे;

 भव-जंगलमां भमतां रहीअे,

कर्म निकाचित दहीअे  रे. श्री०१

समकित शिवपुरमांहि पहोंचाडे,

समकित धरम आधार रे;

श्री जिनवरनी पूजा करीअे,

अे समकितनो सार रे. श्री०२

जे समकितथी होय उपरांठा,

 तेना सुख जाये नाठा रे;

 जे कहे जिनपूजा नवि कीजे,

तेहनुं नाम न लीजे रे. श्री०३

वप्राराणीनो सुत पूजो,

 जिम संसारे न ध्रूजो रे;

 भवजलतारक कष्ट निवारक,

नहि कोई अेहवो दूजो रे. श्री०४

कीर्तिविजय उवज्झायनो सेवक,

 “विनय” कहे प्रभु सेवो रे;

 त्रण तत्त्व मनमांही अवधारी,

 वंदो अरिहंतदेवो रे. श्री०५

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