श्री संभवनाथ भगवान का स्तवन | Shree Sambhavnath Bhagwan ka Stavan

श्री संभवनाथ भगवान का स्तवन | Shree Sambhavnath Bhagwan ka Stavan

श्री संभवनाथ भगवान का स्तवन
संभव जानवर विनति,

अवधारो गुणज्ञाता रे;
खामी नहीं मुज खिजमत,

कदीय होशो फल दाता रे. संभव. १
कर जोडी उभो रहा,

रात दिवस तुम ध्यान में;
जो मनमां आणो नहीं,

तो शुं कहीए थाने रे. संभव. २
खोट खजाने को नहीं,

दीजीए वांछित दानो रे;

करुणा नजर प्रभुजी तणी,
वाधे सेवक वानो रे. संभव. ३

काल लब्धि मुज मति गणो,
भाव लब्धि तुम हाथे रे;

लडथडतुं पण गज बच्चु,

गाजे गयवर साथी रे. संभव. ४

देशो तो तुम ही भलुं,

। बीजा तो नवि जाचुं रे;
वाचक यश कहे सांसों,

फलशे ए मुज साचुं रे. संभव. ५

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