Siddhachalno Vasi Pyaro Lage (Hindi)

Siddhachalno Vasi Pyaro Lage (Hindi)

सिद्धाचलनो वासी प्यारो लागे…

 

( राग : आंख मारी उघडे त्यां…./ बेसवुं होय तो बेसी जाओ…./

आज मारा देरासरमा …./अखिया हरखण लागी…)

 

सिद्धाचलनो वासी प्यारो लागे, मोरा राजिंदा….

इण रे डुंगरीयामा झीणी झीणी कोरणी; उपर शिखर बिराजे .॥१॥

            काने कुंडल माथे मुगुट बिराजे; बांहे बाजुबंध छाजे. ॥२॥

            चउमुख बिंब अनुपम छाजे; अदभुत दीठे दुःख भांजे ॥ ३॥

            चुवा चुवा चंदन और अगरजा; केसर तिलक बिराजे. ॥ ४॥

            इण गिरि साधु अनंता सिध्या; कहेतं। पार न आवे. ॥ ५॥

            ‘ज्ञानविमल’ प्रभु एणी पेरे बोले ;आ भव पार उतारो. ॥ ६॥

 

 

 

 

 

 

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