सुदेव आशीवसे समारंभ है आज,
सुगुरू कृपा बरस रही है आज,
सिद्धितप पूर्ण हुआ है आज,
तपस्वीकी शान-मान है आज,
अक्षयपद, शुद्धपद, सिद्धिपद है प्रदत्त,
सिद्धितपका बजे शंखनाद…
गुलाबी रंग सिद्धितपका चढा,
सिद्धितप का जयघोष है बजा,
घर-घर तप का रंग है चढा,
रोमेरोम तप जयघोष है बजा…(१)
विघ्नो टळे, कर्मो खपे,
कषाय हो जाते है Quite,
सिद्धि-रिद्धि पामो,
राग से करलो तुम Fight,
देशविरती धर्म करके,
पकडलो मुक्ति की Flight,
तप का पच्चक्खाण करके,
करलो आतमा को Bright..(२)
सिद्धि पद पाउ ऐसा जगा अरमान आज,
सिद्ध की आराधना मुक्तिपुरी जहाज,
तप है उजमाल, अवधारो शिरताज,
सिद्धितप शृंगार से सजलो आज,
परमके संगसे गुरूके वासक्षेपसे,
हुआ पूर्ण सिद्धितप मनोहार,
गुलाबी रंग सिद्धितपका चढा,
सिद्धितप का जयघोष है बजा,
घर-घर तप का रंग है चढा,
रोमेरोम तप जयघोष है बाजा….(३)
शासनदेवी आई रूमझूम आई,
शाता की शुभधोध वरसाती,
तपस्वी के होठो पर,
स्मित को लहेराती,
चेहेरे पर तेज छलकाती,
सिद्धितप की उर्जा है चमकती,
तप की महिमा की सुगंध मेहेकती,
आनंद की, मस्ती झलकाई,
पारणे की, धूम मचाई, अनासक्ति,
भोगमुक्ति, त्यागयुक्ति, अजोड शक्ति,
गुणरश्मि फेलाती, पुण्य बढाती,
विरक्त बनाती, तप की घड़ी…(४)
हृदय के हेतसे आशिष, बरसाना अभ्यर्थना,
गुलाबी रंग सिद्धितपका चढा,
सिद्धितप का जयघोष है बजा,
घर-घर तप का रंग है चढा,
रोमेरोम तप जयघोष है बजा….(५)
सिद्धितप का जयघोष है बजा,
सिद्धितप का रंग है चढा…(६)